प्यारे बच्चों

कल सपने में देखा -मैं एक छोटी सी बच्ची बन गई हूं । तुम सब मेरा जन्मदिन मनाने आये हो । चारों ओर खुशियाँ बिखर पड़ी हैं ,टॉफियों की बरसात हो रही है । सुबह होते ही तुम में से कोई नहीं दिखाई दिया ।मुझे तो तुम्हारी याद सताने लगी ।

तुमसे मिलने के लिए मैंने बाल कुञ्ज के दरवाजे हमेशा के लिए खोल दिये हैं। यहाँ की सैर करते समय तुम्हारी मुलाकात खट्टी -मीठी ,नाटी -मोती ,बड़की -सयानी कहानियों से होगी । कभी तुम खिलखिला पड़ोगे , कभी कल्पना में उड़ते -उड़ते चन्द्रमा से टकरा जाओगे .कुछ की सुगंध से तुम अच्छे बच्चे बन जाओगे ।

जो कहानी तुम्हें अच्छी लगे उसे दूसरों को सुनाना मत भूलना और हाँ ---मुझे भी वह जरूर बताना ।
इन्तजार रहेगा ----! भूलना मत - -

शुक्रवार, 21 नवंबर 2025

राक्षस की धमाचौकड़ी -प्रथम संस्करण -2025


बाल कहानी संग्रह 
 
कोरोना काल  की कहानियाँ 




श्वेतवर्णा प्रकाशन 
नई दिल्ली 
मोबाइल -+91 8447540078
Email:shwetwarna@gmail.com
Book Design by Sharda Suman  
पिछले मास ही यह कहानी संग्रह प्रकाशित हुआ है। 75 पृष्ठों के इस कहानी संग्रह में 15 बालकहानियाँ हैं। सब कहानियाँ अलग तेवर लिए कोरोना महामारी की त्रासदी के बारे में बताती है । जिसे अब भी याद करने से रोएँ खड़े हो जाते हैं।  इस राक्षस ने हमें बहुत दुख दिया । हमने इसके कारण क्या खोया --क्या पाया !इसको स्मरण रखना बहुत जरूरी है। ताकि भविष्य में फूँक -फूँक कर कदम उठाए जाएँ। इन कहानियों में मन में उठते हजार प्रश्नों का उत्तर भी समाये  हैं।  यह सब जानना बच्चों के लिए बहुत जरूरी है।  मेरे विचार से ये प्रकृति से प्यार करना सिखाएँगीं और परम्पराओं का मूल्य भी बताएँगीं । 

पुस्तक की छपाई ,चित्रांकन व फॉन्ट साइज़ बच्चों के लिए बहुत उत्तम हैं। श्वेतवर्णा व उसकी टीम का बहुत आभार।  

 
 



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