सुनो हमारी / सुधा भार्गव
पढ़ने का मौसम भागा रे भैया
छुट्टी का मौसम आया रे
खाओ पीओं , मौज उड़ाओ
कोई न आँख दिखाए रे |
क्यों बच्चो !
ठीक कहा न !
अच्छा जरा बताओ तो ---
कौन -कौन कहाँ जा रहा है ?
उड़कर जायेगा या चलकर
पटरी पर दौड़ेगा या
कार दौड़ा येगा I
देखो -देखो कौन जा रहा है !गुलाल बिखेरता ------
यह तो मार्च है --अपने बड़के भैया के पास चला ------आँखों से- - - ओझल भी हो गया I
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सिर पर पगड़ी -पैर में जूती ,कुरते- सलवार पर चकमक चकमक जैकेट !
बल्ले -बल्ले करता मिला वह ---
-बताओ ,कौन ?
अप्रैल
मार्च का बड़कू भाई !
-छोटे ,ये तेरे लाल-पीले रंग नहीं छूटे I
-ओह भैया !
अभी तो होलिका जलाकर आ रहा हूं I फिर उसकी खुशी में होली भी खेलनी थी I
-इसमें क्या ख़ास बात है- - -- होलिका तो हर साल जलती है I
-अरे नहीं- - - ! इस बार तो अपने अन्दर की होलिका को जला कर आ रहा हूं मैं I
-अन्दर -बाहर की होलिका -- - -!क्या अंटशंट बक रहा है I
--भाई जी,दादू कहते हैं-- हर एक के शरीर में होलिका और प्रहलाद रहते हैं I
-यह प्रह्लाद कहाँ से आन टपका !
-होलिका प्रहलाद की बुआ थी I बड़ी ही बुरी - - -गंदी- - हर एक को मारने दौड़ती I
प्रहलाद बहुत अच्छा था I न लड़ता, न झगड़ता I उसे भगवान् से बहत प्यार था और उन्हें हमेशा याद करता रहता I
एक दिन होलिका प्रहलाद को आग में लेकर बैठ गई ताकि वह जल जाये लेकिन - - - - - -
-क्या लेकिन - -- जल्दी बोल I
--प्रहलाद तो बच गया I
-ऐसा तो हो ही नहीं सकता I होलिका को भगवान् ने ही खुश होकर वरदान दिया था --उसका आग कुछ बिगाड़ नहीं सकती I
-यहीं तो गड़बड़ हो गई !उस दुष्टा ने यह नहीं सोचा कि नेक बच्चे को सताने से भगवान् गुस्सा हो जायेंगे I
-तब तो हमें भी दूसरों को तंग करने से डरना चाहिए I
-ठीक कहते हो भैया I इसी कारण मैं अपने अन्दर की होलिका जलाकर आया हूं I
--यह तूने अच्छा किया I हमें तो प्रहलाद की तरह बनना है I
ले मेरे कुछ दोस्त भी आ गये I
आ छोटे ,गले मिलें - - -
बैसाखी है ओए बैसाखी
ओए - - -ओए
बल्ले - - - -बल्ले
(छवियाँ- गूगल से साभार )
oye balle balle khel khel me sab sikhaya aapne
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति......रोचक भी ज्ञानवर्धक भी
जवाब देंहटाएंरोचक प्रस्तुति। सरल और सहज-ग्राह्य।
जवाब देंहटाएंआप बच्चों के लिए बहुत बेहतर काम कर रही हैं। इसे ज़ारी रखिएगा।
जवाब देंहटाएंsundr rchna bdhai
जवाब देंहटाएंछोटे बच्चों के लिए रोचक प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसचमुच बहुत सुन्दर प्रस्तुति। बच्चो के लिए हिन्दी मे बहुत कम सामग्री है। आपको बधाई।
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