नन्हे मुन्नों ,नन्ही गुड़ियाँ
दुनिया भर में ' नये दोस्त बनाओ ' दिवस मनाया जा रहा है |तुम भी नये -नये दोस्त बनाओ I दोस्तों के साथ समय बिताने में कुछ दूसरा ही मजा आता हैI लड़ाई-झगड़े दोस्ती की मिठास को दुगुना कर देते हैं I
नीचे लिखी कहानी को पढ़कर मेरी बात पर तुम्हें जरूर विश्वास हो जायेगा I
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बाल कहानी / सुधा भार्गव दोस्ती
एक शेर था !उसकी गुफा में एक चूहा भी रहता था !शेर शिकार करने को जाता और चूहे को दाना लाता !शिकार से ज्यादा उसे दाना खोजने में मेहनत पड़ती I वह अक्सर चिड़ियों के घोंसलों के नीचे खड़ा हो जाता I
चिड़िया माँ बच्चे की चोंच से अपनी चोंच भिड़ाकर उसे दाना खिलाती !२-४ दाने नीचे भी गिर जाते I शेर उनको ही उठा लेता !चूहे का वे भोजन बनते !दिन में चूहा शेर की पीठ पर उछल- कूद करता और- - - - - - - -
दोनों सैर करने को जाते |
जंगल के सारे जानवर इनकी दोस्ती को देखकर हैरान थे !एक दिन खरगोश बोला --
चूहे मियां जरा बचकर रहना !अपने से ज्यादा शक्तिवान की न दोस्ती अच्छी न दुश्मनी ! चाहे जब वह रौब गाँठ सकता है ,कमजोर को सता सकता है !--चूहा डर से सिकुड़ गया !
वह गुफा में पहुंचा !शेर से दूर रहकर जमीन पर बिखरा दाना खाने लगा I शेरने देखा -'-चूहा बहुत गंभीर है ,बोल भी नहीं रहा है !'
-चूहे राम ,हमसे तुम गुस्सा हो क्या !'चूहा चुप !
-किसी ने कुछ कह दिया क्या ! मुझे बताओ !उसे अभी हवा में उछाल देता हूँ !
' दूसरा क्या कहेगा ,तुम मुझे ही हवा में उछाल सकते हो !शक्तिवानों का विश्वास करना ठीक नहीं !'
' क्या कहा !मैं शक्तिवान !शक्तिवान तो तुम हो !तुम्हारे पितामह ने मेरे पितामह को शिकारी के चंगुल से बचाया था ! वे उसके जाल में फँस गए थे जाल को दांतों से कट --कट करके काट दिया गया I तीन पीढ़ियों से हमारी दोस्ती चली आ रही है !'
' कुछ भी कहो ,मैं तो तुम्हे छोड़कर जा रहा हूँ !'चूहा अड़ गया !
'जाओ ,मैं तुम्हे रोकूंगा नहीं ,शेर हूं !शेर कभी धोखा धडी का सहारा नहीं लेता !तभी तो वह शेर रहता है और उसे सारा जंगल अपना राजा मानता है I '
'तुम अपनी तरीफ कर रहे हो पर मुझ पर कोई असर नहीं होने वाला ,मैं जा रहा हूँ!'
'बार -बार धमकी क्यों दे रहे हो ,कहा न जाओ-- - !पर याद रखना ,यदि मैं मुसीबत में फँस गया तो कौन बचायेगा !'
चूहा जाते -जाते ठिठक गया !चुपचाप दाना कुतर -कुतर कर खाने लगा कनखियों से शेर को देखा और धीमे से हँस पड़ा |
(चित्र -गूगल
से साभार )
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दोस्ती
एक अनोखा रिश्ता है |
दोस्त जीवन को गुलाब की खुशबू की तरह महका देता है | * |