प्यारे बच्चों

कल सपने में देखा -मैं एक छोटी सी बच्ची बन गई हूं । तुम सब मेरा जन्मदिन मनाने आये हो । चारों ओर खुशियाँ बिखर पड़ी हैं ,टॉफियों की बरसात हो रही है । सुबह होते ही तुम में से कोई नहीं दिखाई दिया ।मुझे तो तुम्हारी याद सताने लगी ।

तुमसे मिलने के लिए मैंने बाल कुञ्ज के दरवाजे हमेशा के लिए खोल दिये हैं। यहाँ की सैर करते समय तुम्हारी मुलाकात खट्टी -मीठी ,नाटी -मोती ,बड़की -सयानी कहानियों से होगी । कभी तुम खिलखिला पड़ोगे , कभी कल्पना में उड़ते -उड़ते चन्द्रमा से टकरा जाओगे .कुछ की सुगंध से तुम अच्छे बच्चे बन जाओगे ।

जो कहानी तुम्हें अच्छी लगे उसे दूसरों को सुनाना मत भूलना और हाँ ---मुझे भी वह जरूर बताना ।
इन्तजार रहेगा ----! भूलना मत - -

मंगलवार, 22 जुलाई 2025

साहित्य सप्तक मासिक पत्रिका


मेरी बालकहानी 

लाल ग्रह का मेहमान /सुधा भार्गव 

प्रकाशित -साहित्य सप्तक अंक जुलाई 2025 

संपादक -डॉ नागेश पांडे 

संपादकीय कार्यालय -सेक्टर 4 बी /1048

वसुंधरा ,गाजियाबाद ,

उत्तरप्रदेश 201012 

मोबाइल-08076941157 

पत्रिका की रंगसज्जा व चित्रांकन सुंदर बन पड़ा  है। पृष्ठ का गुलाबीपन मोहक है। इतनी अच्छी पत्रिका के लिए   नागेश जी व उनकी पूरी टीम को बहुत -बहुत बधाई ।