नए वर्ष की चहल -पहल
नए साल में बच्चों की दुनिया में बच्चों का और बड़ों का स्वागत हैI हम इसमें पूरे एक वर्ष रहेंगे I न कोई डर होगा न कोई चिंता I बस हँसेंगे -हंसाएंगे प्रीत के फूल खिलाएंगे I.अपने हिस्से की रोटी दूसरों को खिलाएंगे I जिसका कोई न होगा उसके हम सब कुछ बन जायेंगेI
यदि आप हमारा साथ देना चाहते हैं तो आ जाइये I
आपके आने से नये वर्ष की धूप में हमारा पल पल चमक उठेगा I
नव वर्ष सबको शुभ हो I
धरती के इस शोर गुल को सुनकर मटकू बादल चंचल हो उठा और लगा झाँकने नीचे I वैसे तो आकाश की गोद में दुबका पड़ा था I जनवरी आने वाली थी-- .कड़ाके की ठण्ड --भला उसे कहाँ बर्दाश्त !पर अब अपने पर काबू रखना उसके लिए मुश्किल ही हो गयाI मटकता हुआ मुस्कराता हुआ चल दिया नीचे ------
उस दिन बच्चे अपनी ही धुन में थे किसी को उसकी तरफ देखने की फुरसत ही नहीं थी I
-यह काटा -काटी क्या कर रहे हो ? उकता कर मटकू ने पूछा I
- तुम्हें यह भी नहीं मालूम --!क्रिसमस गया और एक जनवरी को नया साल आने वाला हैI हमें नए -नए कपड़े पहनने होंगे , घर सजाना है ,चाकलेट लानी है .गुब्बारे भी फुलाने हैं I बहुत सारे काम करने हैं Iउपहार भी सजाने हैं I बाद में तो मजा ही मजा है ---खायेंगे -पीयेंगे ,उछलेंगे -कूदेंगे और नाचेंगे Iबब्लू बोला I
-मैं तुम्हारी कुछ मदद कर दूँ !
--हाँ --हाँ क्यों नहीं !उपहारों के पैकिट पर लाल पीले रिबिन बाँधदो I
-'सारी धरती खुशी से नाच रही है । ऐसे समय सलोनी को क्या हो गया है !इसे
भी बुला लूँ I
'सलोनी --सलोनी --
-यह क्या!तुम रो रही हो!
- 'हाँ मटकू I -मगर क्यों ?
'मनु मेरा छोटा भाई है । उसने मेरी गुड़िया तोड़ मरोड़ दी है । अब मैं किसके साथ खेलूंगी । '
'क्या तुमने अपनी मम्मी से शिकायत की ?'
'हाँ ,जब मैंने उन्हें अपनी घायल गुड़िया को दिखाया तो मनु को डांटा भी नहीं । कहने लगीं --पागलों की तरह क्यों रोंती हो !दूसरी गुड़िया ला देंगे । मैं उस गुड़िया के साथ बहुत दिनों से रहती हूँ । उसके बिना मैं बहुत दुखी हो जाऊँगी मुझे उदास देखकर माँ भी मुझपर हंसती हैं और भाई अंगूठा दिखा -दिखाकर मुझे चिढ़ाता है । '
मटकू सलोनी का आंसुओं से भरा चेहरा अपने रुई से मुलायम हाथों में लेकर बोला -
' सलोनी बहन ,अपने लिए इतना मत रोओं वरना दूसरे तो हँसेंगे ही । '
'तुम भी तो रोते हो । कभी धीरे -धीरे ,कभी जोर से । लेकिन तुम पर कोई नहीं हँसता । सलोनी ने कहा I 'यह तुमने कैसे जाना ?।
'जब रिमझिम बरसात होती है तो मैं समझ जाती हूँ तुम धीरे से रो रहे हो । जब मूसलाधार पानी बरसता है तो तुम जोर से रो देते हो । परन्तु तुम्हारे आंसुओं की धार में नहाकर कोई खुश होता है तो कोई तुम्हारी तारीफ करता है । सलोनी ने अपने दिल की बात कह दी ।
'तुम्हारा कहना एकदम ठीक है । परन्तु तुम्हारे और मेरे रोने में एक अन्तर है। तुम अपने लिये रोती हो मैं दूसरों के लिये रोता हूँ । तुम अपनी भलाई की बात सोचती हो मैं दूसरों के हित को ध्यान में रखता हूँ।
'तुम किस तरह से दूसरों का भला करते हो ?'
'
मेरे पानी बरसाने से सूखे पेड़ -पौधे हरे- भरे हो जाते हैं । । नदी ,तालाब में जल भरने से पशु पक्षी उसे पीकर
अपनी प्यास बुझाते हैं ।
मोर मुझे देखकर नाचना शुरू करता है तो नाचता ही रहता है । मैं इन सबको प्रसन्न करने के लिये ही तो आंसू बहाता हूँ। '
'इससे तुम्हें क्या मिलाता है?'
'दूसरों को खुश होता देख मैं भी बहुत खुश होता हूँ । '
' मटकू तुम तो दूसरों का बहुत ध्यान रखते हो । मैं तो अपने खिलौने किसी को नहीं छूने देती । कभी -कभी तो भइया की गेंद भी छीन लेती हूँ । '
'यह तो अच्छे बच्चों की पहचान नहीं है । '
-नए साल में मेरा तुमसे वायदा रहा -- मैं भी ऐसे काम करूंगी जिससे दूसरों को सुख मिले और एक अच्छी बच्ची बनूँगी I
सलोनी की बातें सुनकर बादल मुस्करा दिया I
-चलो मेरे साथ, जरा उपहार रिबिन से सजा दो |
--उपहार के पैकिट तो बहुत छोटे हैं !
- कोई उपहार छोटा या बड़ा नहीं होता यह तो प्यार की निशानी है I जिसे उपहार दिया जाता है इसका मतलब
तुम उसे प्यार करते हो I
--तब तो मुझे भी तुमको उपहार देना चाहिए I
-मेरे लिए सबसे बड़ा उपहार यही है की तुम हमेशा खिलखिलाते रहो और मिलजुलकर रहो I अच्छा साथियों, अब मैं चला ----
बच्चे एक साथ चिल्लाये --
नया साल
नए साल में बच्चों की दुनिया में बच्चों का और बड़ों का स्वागत हैI हम इसमें पूरे एक वर्ष रहेंगे I न कोई डर होगा न कोई चिंता I बस हँसेंगे -हंसाएंगे प्रीत के फूल खिलाएंगे I.अपने हिस्से की रोटी दूसरों को खिलाएंगे I जिसका कोई न होगा उसके हम सब कुछ बन जायेंगेI
यदि आप हमारा साथ देना चाहते हैं तो आ जाइये I
आपके आने से नये वर्ष की धूप में हमारा पल पल चमक उठेगा I
नव वर्ष सबको शुभ हो I
धरती के इस शोर गुल को सुनकर मटकू बादल चंचल हो उठा और लगा झाँकने नीचे I वैसे तो आकाश की गोद में दुबका पड़ा था I जनवरी आने वाली थी-- .कड़ाके की ठण्ड --भला उसे कहाँ बर्दाश्त !पर अब अपने पर काबू रखना उसके लिए मुश्किल ही हो गयाI मटकता हुआ मुस्कराता हुआ चल दिया नीचे ------
उस दिन बच्चे अपनी ही धुन में थे किसी को उसकी तरफ देखने की फुरसत ही नहीं थी I
-यह काटा -काटी क्या कर रहे हो ? उकता कर मटकू ने पूछा I
- तुम्हें यह भी नहीं मालूम --!क्रिसमस गया और एक जनवरी को नया साल आने वाला हैI हमें नए -नए कपड़े पहनने होंगे , घर सजाना है ,चाकलेट लानी है .गुब्बारे भी फुलाने हैं I बहुत सारे काम करने हैं Iउपहार भी सजाने हैं I बाद में तो मजा ही मजा है ---खायेंगे -पीयेंगे ,उछलेंगे -कूदेंगे और नाचेंगे Iबब्लू बोला I
-मैं तुम्हारी कुछ मदद कर दूँ !
--हाँ --हाँ क्यों नहीं !उपहारों के पैकिट पर लाल पीले रिबिन बाँधदो I
-'सारी धरती खुशी से नाच रही है । ऐसे समय सलोनी को क्या हो गया है !इसे
भी बुला लूँ I
'सलोनी --सलोनी --
-यह क्या!तुम रो रही हो!
- 'हाँ मटकू I -मगर क्यों ?
'मनु मेरा छोटा भाई है । उसने मेरी गुड़िया तोड़ मरोड़ दी है । अब मैं किसके साथ खेलूंगी । '
'क्या तुमने अपनी मम्मी से शिकायत की ?'
'हाँ ,जब मैंने उन्हें अपनी घायल गुड़िया को दिखाया तो मनु को डांटा भी नहीं । कहने लगीं --पागलों की तरह क्यों रोंती हो !दूसरी गुड़िया ला देंगे । मैं उस गुड़िया के साथ बहुत दिनों से रहती हूँ । उसके बिना मैं बहुत दुखी हो जाऊँगी मुझे उदास देखकर माँ भी मुझपर हंसती हैं और भाई अंगूठा दिखा -दिखाकर मुझे चिढ़ाता है । '
मटकू सलोनी का आंसुओं से भरा चेहरा अपने रुई से मुलायम हाथों में लेकर बोला -
' सलोनी बहन ,अपने लिए इतना मत रोओं वरना दूसरे तो हँसेंगे ही । '
'तुम भी तो रोते हो । कभी धीरे -धीरे ,कभी जोर से । लेकिन तुम पर कोई नहीं हँसता । सलोनी ने कहा I 'यह तुमने कैसे जाना ?।
'जब रिमझिम बरसात होती है तो मैं समझ जाती हूँ तुम धीरे से रो रहे हो । जब मूसलाधार पानी बरसता है तो तुम जोर से रो देते हो । परन्तु तुम्हारे आंसुओं की धार में नहाकर कोई खुश होता है तो कोई तुम्हारी तारीफ करता है । सलोनी ने अपने दिल की बात कह दी ।
'तुम्हारा कहना एकदम ठीक है । परन्तु तुम्हारे और मेरे रोने में एक अन्तर है। तुम अपने लिये रोती हो मैं दूसरों के लिये रोता हूँ । तुम अपनी भलाई की बात सोचती हो मैं दूसरों के हित को ध्यान में रखता हूँ।
'तुम किस तरह से दूसरों का भला करते हो ?'
'
मेरे पानी बरसाने से सूखे पेड़ -पौधे हरे- भरे हो जाते हैं । । नदी ,तालाब में जल भरने से पशु पक्षी उसे पीकर
अपनी प्यास बुझाते हैं ।
मोर मुझे देखकर नाचना शुरू करता है तो नाचता ही रहता है । मैं इन सबको प्रसन्न करने के लिये ही तो आंसू बहाता हूँ। '
'इससे तुम्हें क्या मिलाता है?'
'दूसरों को खुश होता देख मैं भी बहुत खुश होता हूँ । '
' मटकू तुम तो दूसरों का बहुत ध्यान रखते हो । मैं तो अपने खिलौने किसी को नहीं छूने देती । कभी -कभी तो भइया की गेंद भी छीन लेती हूँ । '
'यह तो अच्छे बच्चों की पहचान नहीं है । '
-नए साल में मेरा तुमसे वायदा रहा -- मैं भी ऐसे काम करूंगी जिससे दूसरों को सुख मिले और एक अच्छी बच्ची बनूँगी I
सलोनी की बातें सुनकर बादल मुस्करा दिया I
-चलो मेरे साथ, जरा उपहार रिबिन से सजा दो |
--उपहार के पैकिट तो बहुत छोटे हैं !
- कोई उपहार छोटा या बड़ा नहीं होता यह तो प्यार की निशानी है I जिसे उपहार दिया जाता है इसका मतलब
तुम उसे प्यार करते हो I
--तब तो मुझे भी तुमको उपहार देना चाहिए I
-मेरे लिए सबसे बड़ा उपहार यही है की तुम हमेशा खिलखिलाते रहो और मिलजुलकर रहो I अच्छा साथियों, अब मैं चला ----
बच्चे एक साथ चिल्लाये --
नया साल
नया साल मुबारक हो..
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर पठनीय पोस्ट… आपको भी नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंbachchon ke liye aapne bahut hee akarshak prastuti pesh kiya,man ko achchha lagaa,chahtaa hoon ki har lekhak bachchon ke liye kuchh karnaa chahiye.
जवाब देंहटाएंbchpn bhut sundr hota hai bchche to bde ho jate hain pr bdon ka bchcha bnna bda mushkil hota hai kash sb aise hi bchchon jaise nishchhl ho jyaen
जवाब देंहटाएंbhut 2 shubhkamnayen
अशोक जी
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार
आपने मेरी प्रस्तुति को सराहाया I बहुत अच्छा लगाI अब हम पच्चीस साल के तो हो नहीं सकते पर मन से तो पाँच साल के भी हो सकते हैं Iअब देखिये न -मैंने आपके रिमझिम ब्लॉग पर सर्दी नानी पढ़ी Iपढ़ते -गुनगुनाते बोल बदल गये और मैं बचपन की तलहटी में जा पहुँची --
एक नन्ही सी बालिका गुड़िया को बगल में दबाये गाया करती थी --
मेरी गुड़िया पड़ी बीमार
डाक्टर देखो भली प्रकार
कल था बरसा छमछम पानी
उसमें भीगी गुड़िया रानी
ओहो इसको तेज बुखार
१०० से ऊपर डिग्री चार
------------------------- I
शायद आपका बचपन भी खिलखिला रहा है --|
सुधा भार्गव
सम्मान्या सुधा जी,
जवाब देंहटाएंआपकी इस मनोरम प्रस्तुति से ह्रदय प्रसन्न हो गया.
कृपया धन्यवाद स्वीकार करें.
मित्रगण
जवाब देंहटाएंबहुमूल्य टिप्पणियों के लिए शुक्रिया ।