प्यारे बच्चों

कल सपने में देखा -मैं एक छोटी सी बच्ची बन गई हूं । तुम सब मेरा जन्मदिन मनाने आये हो । चारों ओर खुशियाँ बिखर पड़ी हैं ,टॉफियों की बरसात हो रही है । सुबह होते ही तुम में से कोई नहीं दिखाई दिया ।मुझे तो तुम्हारी याद सताने लगी ।

तुमसे मिलने के लिए मैंने बाल कुञ्ज के दरवाजे हमेशा के लिए खोल दिये हैं। यहाँ की सैर करते समय तुम्हारी मुलाकात खट्टी -मीठी ,नाटी -मोती ,बड़की -सयानी कहानियों से होगी । कभी तुम खिलखिला पड़ोगे , कभी कल्पना में उड़ते -उड़ते चन्द्रमा से टकरा जाओगे .कुछ की सुगंध से तुम अच्छे बच्चे बन जाओगे ।

जो कहानी तुम्हें अच्छी लगे उसे दूसरों को सुनाना मत भूलना और हाँ ---मुझे भी वह जरूर बताना ।
इन्तजार रहेगा ----! भूलना मत - -

मंगलवार, 30 जनवरी 2024

धूप की खिड़कियां

 


नया संदेश कृति प्रकाशन

साथियों ,नया वर्ष नया संदेश लेकर आया। मेरा धूप की खिड़कियां बाल कहानी संग्रह छपकर आया। इसके लिए अद्विक पब्लिकेशन व उसकी पूरी टीम का बहुत-बहुत धन्यवाद। इसमें कुल 12 कहानियां है जो वास्तव में धूप की खिड़कियां हैं ।उन्हें खोलते ही ताजी स्वच्छ हवा बच्चों को अपने आगोश में ले लेगी और रोशनी की किरणें उनके दिलों दिमाग पर छा जाएंगी।पुस्तक सज्जा व आंतरिक चित्र सजा आकर्षक है। यह पुस्तक अमेजॉन पर उपलब्ध है।https://amzn.eu/d/5Heskpq





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